Monday, March 22, 2010

अनिश्चित से इस संसार में एक बात तो सत्य है और वह यह है कि परमेश्वर


हो सकता है तुम मुझे नहीं जानते हो पर मैं तुम्हारे विषय में सब कुछ जानता हूँ।

मैं तेरे उठने और बैठने को जानता हूँ और तेरे विचारों को दूर से ही समझ लेता हूँ।

तुम मुझ में जीते और चलते-फिरते रहते हो।
मैं तुम को माता के गर्भ में आने से पहले से जानता हूँ।

मैं ने ही निश्चित किया था कि समय तुम्हारा जन्म होगा और तु कहाँ रहोगे।


मैं तुझ से दूरनहीं हूँ

मैं तुम को उससे बहुत अधिक देता हू जो तेरे पिता ने तुझ को दिया था।

क्योंकि मैं सर्वोत्तम पिता हूँ।
मैं ही तेरा पूर्तिकर्ता हूँ और मैं ही तुम्हारी सारीर ज़रूरतों को पूरा करूँगा।
मैं कभी भी तेरे लिए भला करना नहीं छोड़ूँगा।

यदि तू मुझे अपने पूरे दिल से ढूँढे तो निश्चय ही मुझ को पा लेगा।
जब तेरा दिल टूटा होता है तब मैं ही तेरे सब से निकट रहता हूँ। और एक दिन मैं तेरी आँखों के हर आँसू को पोंछ डालूँगा। तब मैं तेरी सारी पीड़ा और दुख दूर कर दूँगा जो तूने इस संसार में सहे थे।
मैं सदा से पिता हूँ और पिता ही रहूँगा।

मेरा प्रश्न यह है कि “क्या तुम मेरी संतान बनना चाहते हो
मैं तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा हूँ।

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